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यूपी से बड़ी खबर || बाराबंकी से छपरा तक गोरखपुर के रास्ते बनेगी तीसरी रेल लाइन || जानें रेलयात्रियों को क्या मिलेगी सुविधा |
Indian Railway || Gorakhpur Chapra Third Rail Line || आइए उत्तर प्रदेश चलते हैं। उत्तर प्रदेश से इसलिए आपको जोड़ने जा रहे हैं कि यहां उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले से गोरखपुर के रास्ते बिहार के छपरा तक एक नई तीसरी रेल लाइन बिछाई जा रही है। इस रेल लाइन को बनाने का मुख्य उद्देश्य माल ढुलाई को आसान करना या यह कहें कि मालगाड़ियों के आवागमन को और भी बेहतर और सुचारू करना है। इससे गोरखपुर के रास्ते चलने वाली ट्रेनों को सहूलियत होगी। क्योंकि इस रेल लाइन के बन जाने के बाद अधिकांश माल गाड़ियां इसी तीसरी रेल लाइन पर दौड़ेंगी। इससे गोरखपुर जंक्शन और बाराबंकी से गोरखपुर और गोरखपुर से छपरा के बीच पड़ने वाले रेलवे स्टेशन के बीच ट्रेनों का ठहराव कम होगा। आपने देखा भी होगा अक्सर ट्रेनों को रोककर दूसरी ट्रेनों को क्रॉस कराना पड़ जाता है। यह स्थिति अब आने वाले दिनों में बीते दिनों की बात होगी।
यहां 4 जुलाई को किया जाना है ट्रायल
गोरखपुर जनपद में कैंट से कुसम्ही के बाद गोंडा जिले के गोंडा कचहरी से करनैलगंज तक तीसरी लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां 4 जुलाई को स्पीड ट्रायल होना है। वहीं, गोंडा जिले के गोंडा बुढ़वल रेलखंड पर 61.72 किलोमीटर की तीसरी रेल लाइन का निर्माण होना है। बताया जा रहा है इसके लिए हरी झंडी मिल चुकी है। वहीं, संत कबीर नगर के खलीलाबाद से बैतालपुर तक सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही गोरखपुर कैंट से लेकर डोमिनगढ़ तक तीसरी रेल लाइन का निर्माण कर तेज गति से चल रहा है।
425 किलोमीटर की होगी थर्ड रेल लाइन
अब आपके मन में यह सवाल होगा कि इस थर्ड रेल लाइन का महत्व क्या है और इसकी लंबाई क्या रहने वाली है। तो आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रास्ते छपरा से बाराबंकी तक बनने वाली तीसरी रेल लाइन का निर्माण मालगाड़ियों की परिवहन की दृष्टि से तैयार किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई लगभग 425 किलोमीटर रहने वाली है। इस थर्ड रेल लाइन को बनाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। रेलवे प्रशासन की ओर से तीसरी रेल लाइन के लिए चरणवार सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है।
714.34 करोड़ रुपये का आएगा खर्च
अब आपको बता दें कि, गोंडा बुढ़वल रेलखंड पर करीब 61.72 किलोमीटर की तीसरी रेल लाइन के निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी गई है। वहीं, बताया जा रहा है कि इस रेलखंड के निर्माण पर करीब 714.34 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। तीसरी रेल लाइन का निर्माण कर कुल चार चरणों में किया जाना है। परियोजना के दूसरे चरण में कर्नलगंज से घाघरा घाट 21.77 किलोमीटर, तीसरे चरण में घाघरा घाट से बुढ़वल तक 11.77 किलोमीटर तथा चौथे चरण में गोंडा जंक्शन से गोंडा कचहरी के बीच 4.88 किलोमीटर रेल खंड का निर्माण किया जाना है।
यहां तीसरी रेल लाइन का निर्माण हुआ पूरा
अब आपको बता दें कि, गोंडा जिले में गोंडा कचहरी से करनैलगंज तक 23.65 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस रेल लाइन पर 4 जुलाई को ट्रायल की तैयारी है। वहीं, संत कबीर नगर के खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किलोमीटर की तीसरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण का काम पूर्ण कर डीपीआर भी तैयार कर ली गई है। बताया जा रहा है कि इस रेल खंड पर कैंट से डोमिनगढ़ तक दिसंबर 2024 तक तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया जा सकता है। जानकार बताते हैं कि, गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक डबल लाइन पर ट्रेन मौजूदा समय में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। वहीं, विद्युतीकृत तीसरी रेल लाइन पर भी 110 किलोमीटर की गति से ट्रेनों को दौड़ाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, गोरखपुर के कैंट से कुसम्ही तक पहली 10 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन शुरू भी हो चुका है।
मालगाड़ियों के संचालन को मिल जाएगा अलग रूट
गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक बिछाई जा रही है तीसरी रेल लाइन से पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रैक क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है इस तीसरी रेल लाइन के बन जाने के बाद मांग के अनुरूप अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकेगा। वहीं, मालगाड़ियों के लिए एक अलग रूट भी मिल जाएगा, जिससे यात्री ट्रेन भी बिना किसी बाधा के दौड़ सकेंगी। इसके अलावा गोरखपुर जंक्शन के आसपास वाले स्टेशनों पर भी ट्रेनों का बेवजह ठहरना कम हो जाएगा। ट्रेनों के विलंब होने में भी कमी आएगी। जिससे यात्री सुविधाजनक तरीके से गंतव्य तक पहुंच पाएंगे
तेजी से हो रहा साइड लाइनों का दोहरीकरण
इसके साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे में दोहरीकरण का काम भी तीव्र गति से होना शुरू हो गया है। बता दें कि गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक मुख्य रेल मार्ग के बाद अब साइड लाइनों के भी दोहरीकरण का काम तेज गति से आरंभ कर दिया गया है। भटनी से औड़िहार रेल मार्ग पर जल्द ही दोहरीकरण का काम पूरा होने वाला है। यह कार्य अंतिम चरण में है। इसके अलावा वाराणसी से प्रयागराज तक दोहरीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। बाल्मीकि नगर से गोरखपुर कैंट तक रेल मार्ग के दोहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है। निविदा के बाद स्टेशनों और रेल लाइन पर निर्माण की प्रक्रिया चल पड़ी है। इन रेल लाइनों के दोहरीकरण का काम पूर्ण हो जाने के बाद तीसरी रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि गोंडा कचहरी से करनैलगंज के बीच तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके तहत नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य इस समय प्रगति पर है। उनका कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे में तीव्र गति से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। छोटी लाइन से बड़ी लाइन और दोहरीकरण के बाद अब तीसरी रेल लाइन का नेटवर्क बिछाया जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में यात्रियों को विशेष सुविधा मिलेगी।
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