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यह पक्षी मानसून आने से पहले जान जाता है, कितनी और कब तक होगी बारिश, किसानों की हमेशा रहती इस पक्षी पर नजर

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यह पक्षी मानसून आने से पहले जान जाता है, कितनी और कब तक होगी बारिश, किसानों की हमेशा रहती इस पक्षी पर नजर

Tithti Birds In Hindi || क्या आपको इस बात का यकीन होगा कि कोई पक्षी 15 से 20 दिन पहले ही इस बात का अनुमान लगा ले कि इस बार बारिश कितनी होगी। बाढ़ आएगी या हल्की वर्षा होगी या बिल्कुल भी बारिश नहीं होगी। सूखे जैसे हालात बनेंगे। तो शायद आपका जवाब होगा बिल्कुल भी नहीं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हमारे आसपास ही रहता है। हमारा अक्सर ही उससे पाला पड़ता है। लेकिन हम उस पक्षी के मौसम विज्ञानी वाले गुण से नावाकिफ हैं। मगर आपको यह जान कर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान, हरियाणा समय तमाम स्थानों पर इस बार इस पक्षी ने अच्छी वर्षा की संकेत दिए। जिसे लेकर किसानों में खुशी की लहर है। लेख में यह भी जानेंगे कि टिटहरी का बोलना क्या संकेत देता है? टिटहरी पक्षी को हिंदी में क्या कहते हैं? टिटहरी क्यों चिल्लाती है? टिटहरी अंडा कैसे होती है?

मौसम विज्ञानी से कम नहीं है टिटहरी पक्षी की समझ

जी हां, हम बात कर रहे हैं टिटहरी पक्षी की। नाम तो आपने भी सुना होगा। इसे अंग्रेजी में Sandpiper कहते हैं। संस्कृत में इसका नाम टिट्टिभ है। यह मध्यम आकार के जलचर पक्षी होते हैं, जो भारत के तमाम इलाकों में जलाशयों के आसपास पाए जाते हैं। इस पक्षी का सिर गोल होता है। गर्दन व चोंच छोटी होती है। पैर काफी लंबे होते हैं। जब यह पक्षी अंडे देती है तो अंडों को देखकर किसान अंदाजा लगाते हैं कि इस बार मानसून का रुख कैसा होगा। बारिश अच्छी होगी या फिर सूखा पड़ेगा। वहीं, इस बार टिटहरी के अंडों से जो संकेत मिले हैं, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि समूचे उत्तर भारत में अच्छी बारिश होगी।

इस तरह किसान लगाते हैं मौसम का अंदाजा

उत्तर भारत में किसान टिटहरी पक्षी के अंडों को देखकर अंदाजा लगाते हैं कि बारिश कैसी होगी। माना जाता है की टिटहरी अच्छी अगर ऊंचे स्थान पर अंडे देती है, तो तेज बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, अगर टिटहरी पक्षी निचले स्थान पर अंडे देती है, तो कम बारिश का अनुमान लगाया जाता है। यदि टिटहरी पक्षी के अंडों की संख्या 3 से 4 है, तो उसका संकेत यह होता है की बारिश का मौसम 3 से 4 माह तक रह सकता है। वहीं, अगर टिहरी पक्षी समतल मैदान स्थान पर अंडे देती है तो माना जाता है कि इस बार सूखा पड़ने वाला है। आमतौर पर टिटहरी पक्षी के अंडे से 18 से 20 दिनों के अंदर बच्चे बन जाते हैं। नर व मादा टिटहरी दोनों ही अंडों की 24 घंटे रक्षा करते रहते हैं। यह हर समय काफी चौकन्ना रहते हैं। किसी भी शिकारी पक्षी या मनुष्य के आने पर यह खूब शोर मचाती हैं।

अंडों की संख्या से भी मिलता मौसम का संकेत

समूचे उत्तर भारत में इस बार मानसून ने दस्तक दे दी है। अब तक के मानसून के रुख से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार मानसूनी बारिश की स्थिति अच्छी रहने वाली है। कुछ ऐसा ही संकेत टिटहरी पक्षी के अंडों की संख्या से भी लगाया जा रहा है, जो इस बार मानसून के अनुकूल दिख रहा है। किसानों का कहना है आमतौर पर टिटहरी पक्षी एक बार में 3 से 4 अंडे देती है। अगर टिटहरी पक्षी के सभी अंडों का मुंह जमीन की ओर हो तो माना जाता है कि बारिश अच्छी होगी। ऐसे में अगर आपको को कहीं टिटहरी पक्षी दिख जाए तो समझ जाएं कि उसे मौसम के बारे में किसी भी आम इंसान से कहीं ज्यादा मालूम होता है।

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